Zilch
“What cannot be said above all must not be silenced but written.”
~ Jacques Derrida
27 August 2016
बस यूँ ही |
तैरने की हिम्मत टूटी तो बहना शुरू किया
क्या डूबने से ये सफ़र खत्म हो जाएगा |
ग़म का एहसास हुआ तो आँखें नम हुईं
क्या सिसकने से दर्द कम हो जाएगा |
उम्मीदें मिटी तो अतीत के पल झलकने लगे
क्या अनुभवों में समाने से वक़्त थम जाएगा |
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